नया साल शुरू हो चुका है. आपने अपने पिछले साल की बचत को देख लिया होगा. अब अगले 12 महीनों में आपको अपने वेतन के बढ़ने की उम्मीद भी होगी.
अगर आप ब्रिटेन में रह रहे हों तो, ये जानकर आप अचरज में पड़ जाएंगे कि अगले 12 महीने में जो भी आपकी कुल आमदनी होगी, उससे कहीं ज़्यादा पैसा आपके बॉस ने साल के पहले चार दिनों में कमा लिया है.
अगर आप भारत में रह रहे हैं तो आपको यहां की हक़ीक़त जानकर शायद ही यक़ीन होगा.
उसकी बात करेंगे लेकिन पहले बात ब्रिटिश कंपनियों के अधिकारियों की.
ब्रिटेन की बड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चार जनवरी को उतना पैसा पाते हैं, जितना उनकी कंपनी में काम कर रहे औसत कर्मचारी का सालाना वेतन होता है.
चार जनवरी को ब्रिटिश कॉरपोरेट दुनिया में इस दिन का जश्न मनाया जाता है.
लेकिन यह केवल ब्रिटिश मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) का सच नहीं है, दुनिया भर के सीईओ, अपने कर्मचारियों की तुलना में कई गुना ज़्यादा पैसा कमाते हैं.
सैलेरी में ज़मीन आसमान का फ़र्क
फ़ाइनेंशियल मीडिया कंपनी ब्लूमबर्ग ने दुनिया के 22 देशों की प्रमुख कंपनियों के सीईओ और उनके कर्मचारियों के बीच आमदनी के अंतर पर अध्ययन किया है, जिसके मुताबिक अमरीका और भारत के सीईओ, ब्रिटेन की तुलना में कहीं ज़्यादा तेजी से पैसे बनाते हैं.
ग्लोबल सीईओ इंडेक्स नाम का ये अध्ययन बताता है कि औसत कर्मचारियों के सालाना वेतन जितना पैसा सीईओ कितनी जल्दी कमा लेते हैं.
इन आंकड़ों के मुताबिक, अमरीका के शीर्ष अधिकारी अपने ही कर्मचारियों के औसत सालाना वेतन जितना पैसा दो दिन से भी कम समय में कमा लेते हैं.
कितने दिन में सीईओ के बराबर कमा पाएगा सामान्य कर्मचारी?
भारतीय सीईओ को भले ही अमरीकी सीईओ की तुलना में पैसा कम मिलता हो लेकिन औसत कर्मचारी की तुलना में वह अमरीकी अधिकारियों से भी आगे हैं. महज एक तिहाई दिन में भारतीय सीईओ उतना पैसा कमाते हैं, जो उनके औसत कर्मचारी साल भर में कमाते हैं.
अमरीकी पत्रकार सैम पिज्जीगाती की एक किताब द केस फॉर ए मैक्सिमम वेज,बीते साल मई में आई थी, जिसमें उन्होंने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के वेतन की सीमा निर्धारित करने संबंधी तर्क दिए थे.
उन्होंने लिखा है, 'अमरीकी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में जो अंतर 1980 में था, वह 2016 आते-आते आठ गुना बढ़ चुका है. बड़ी कंपनियों में तो औसत कर्मचारियों को अपने सीईओ के एक साल के वेतन जितना कमाने के लिए सैकड़ों साल तक काम करना होगा.'
मैकडोनल्ड जैसी कंपनी के औसत कर्मचारी को अपने सीईओ के सालाना वेतन जितना कमाने के लिए 3,101 साल तक काम करना होगा. इस अध्ययन से ये भी जाहिर होता है कि दुनिया के अलग अलग हिस्सों में औसत कर्मचारी जो साल भर में कमाते हैं वो कंपनी का शीर्ष अधिकारी एक सप्ताह से भी कम समय में कमा लेता है.
14 मिलियन डॉलर का पैकेज
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का वेतन दुनिया भर में अलग अलग है.
दुनिया भर की बड़ी कंपनियों में ज़्यादातर कंपनियां अमरीका में स्थित है, जहां औसतन किसी सीईओ का वेतन 14 मिलियन डॉलर से ज़्यादा है. 14 मिलियन डॉलर कितना होता है, इसे आज के डॉलर के बदले में रुपये का जो मूल्य हो उसमें 140 लाख से गुना कर लीजिए.
विकसित देशों में जीवन स्तर का ख़र्च भी ज़्यादा होता है लिहाजा सभी तरह की नौकरियों में अच्छा वेतन मिलता है. बावजूद इसके इन देशों में सीईओ और आम कर्मचारियो के वेतन में बहुत बड़ा अंतर होता है.
समतावादी देशों का हाल
दुनिया भर में स्वीडन को समतावादी समाज के चलते जाना जाता है, लेकिन यहां भी सीईओ को आम कर्मचारियों की तुलना में 60 गुना ज़्यादा वेतन मिलता है.
स्वीडन में औसत सीईओ का सालाना वेतन 8.5 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है. आर्गेनाइजेशन फॉर इकॉनामिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) के आंकड़ों के मुताबिक स्वीडन में आम कर्मचारियों को साल भर में 42,393 डॉलर मिलते हैं, इतना पैसा स्वीडिश सीईओ दो दिन से भी कम समय यानी 1.82 दिन में कमा लेते हैं.
नॉर्वे में आम कर्मचारियों की स्थिति थोड़ी बेहतर है, लेकिन वहां भी आम लोग जितना साल भर में कमाते हैं, सीईओ 15 दिन से कम समय में कमा लेता है.
नॉर्वे की औसत राष्ट्रीय आमदनी 51,212 डॉलर है, सीईओ इसकी तुलना में 20 गुना ज़्यादा कमाते है.
जहां तक अफ्रीकी देशों का हाल है, वहां भी सैलरी के मामले में सीईओ की बल्ले बल्ले है. नाइजीरिया में सबसे ज़्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ है आस्टिन अवूरू, जो सीप्लांट पेट्रोलियम डेवलपमेंट कंपनी के सीईओ हैं, उनकी सैलरी 1.3 मिलियन डॉलर सालाना है.
अगर आप ब्रिटेन में रह रहे हों तो, ये जानकर आप अचरज में पड़ जाएंगे कि अगले 12 महीने में जो भी आपकी कुल आमदनी होगी, उससे कहीं ज़्यादा पैसा आपके बॉस ने साल के पहले चार दिनों में कमा लिया है.
अगर आप भारत में रह रहे हैं तो आपको यहां की हक़ीक़त जानकर शायद ही यक़ीन होगा.
उसकी बात करेंगे लेकिन पहले बात ब्रिटिश कंपनियों के अधिकारियों की.
ब्रिटेन की बड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चार जनवरी को उतना पैसा पाते हैं, जितना उनकी कंपनी में काम कर रहे औसत कर्मचारी का सालाना वेतन होता है.
चार जनवरी को ब्रिटिश कॉरपोरेट दुनिया में इस दिन का जश्न मनाया जाता है.
लेकिन यह केवल ब्रिटिश मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) का सच नहीं है, दुनिया भर के सीईओ, अपने कर्मचारियों की तुलना में कई गुना ज़्यादा पैसा कमाते हैं.
सैलेरी में ज़मीन आसमान का फ़र्क
फ़ाइनेंशियल मीडिया कंपनी ब्लूमबर्ग ने दुनिया के 22 देशों की प्रमुख कंपनियों के सीईओ और उनके कर्मचारियों के बीच आमदनी के अंतर पर अध्ययन किया है, जिसके मुताबिक अमरीका और भारत के सीईओ, ब्रिटेन की तुलना में कहीं ज़्यादा तेजी से पैसे बनाते हैं.
ग्लोबल सीईओ इंडेक्स नाम का ये अध्ययन बताता है कि औसत कर्मचारियों के सालाना वेतन जितना पैसा सीईओ कितनी जल्दी कमा लेते हैं.
इन आंकड़ों के मुताबिक, अमरीका के शीर्ष अधिकारी अपने ही कर्मचारियों के औसत सालाना वेतन जितना पैसा दो दिन से भी कम समय में कमा लेते हैं.
कितने दिन में सीईओ के बराबर कमा पाएगा सामान्य कर्मचारी?
भारतीय सीईओ को भले ही अमरीकी सीईओ की तुलना में पैसा कम मिलता हो लेकिन औसत कर्मचारी की तुलना में वह अमरीकी अधिकारियों से भी आगे हैं. महज एक तिहाई दिन में भारतीय सीईओ उतना पैसा कमाते हैं, जो उनके औसत कर्मचारी साल भर में कमाते हैं.
अमरीकी पत्रकार सैम पिज्जीगाती की एक किताब द केस फॉर ए मैक्सिमम वेज,बीते साल मई में आई थी, जिसमें उन्होंने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के वेतन की सीमा निर्धारित करने संबंधी तर्क दिए थे.
उन्होंने लिखा है, 'अमरीकी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन में जो अंतर 1980 में था, वह 2016 आते-आते आठ गुना बढ़ चुका है. बड़ी कंपनियों में तो औसत कर्मचारियों को अपने सीईओ के एक साल के वेतन जितना कमाने के लिए सैकड़ों साल तक काम करना होगा.'
मैकडोनल्ड जैसी कंपनी के औसत कर्मचारी को अपने सीईओ के सालाना वेतन जितना कमाने के लिए 3,101 साल तक काम करना होगा. इस अध्ययन से ये भी जाहिर होता है कि दुनिया के अलग अलग हिस्सों में औसत कर्मचारी जो साल भर में कमाते हैं वो कंपनी का शीर्ष अधिकारी एक सप्ताह से भी कम समय में कमा लेता है.
14 मिलियन डॉलर का पैकेज
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का वेतन दुनिया भर में अलग अलग है.
दुनिया भर की बड़ी कंपनियों में ज़्यादातर कंपनियां अमरीका में स्थित है, जहां औसतन किसी सीईओ का वेतन 14 मिलियन डॉलर से ज़्यादा है. 14 मिलियन डॉलर कितना होता है, इसे आज के डॉलर के बदले में रुपये का जो मूल्य हो उसमें 140 लाख से गुना कर लीजिए.
विकसित देशों में जीवन स्तर का ख़र्च भी ज़्यादा होता है लिहाजा सभी तरह की नौकरियों में अच्छा वेतन मिलता है. बावजूद इसके इन देशों में सीईओ और आम कर्मचारियो के वेतन में बहुत बड़ा अंतर होता है.
समतावादी देशों का हाल
दुनिया भर में स्वीडन को समतावादी समाज के चलते जाना जाता है, लेकिन यहां भी सीईओ को आम कर्मचारियों की तुलना में 60 गुना ज़्यादा वेतन मिलता है.
स्वीडन में औसत सीईओ का सालाना वेतन 8.5 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है. आर्गेनाइजेशन फॉर इकॉनामिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) के आंकड़ों के मुताबिक स्वीडन में आम कर्मचारियों को साल भर में 42,393 डॉलर मिलते हैं, इतना पैसा स्वीडिश सीईओ दो दिन से भी कम समय यानी 1.82 दिन में कमा लेते हैं.
नॉर्वे में आम कर्मचारियों की स्थिति थोड़ी बेहतर है, लेकिन वहां भी आम लोग जितना साल भर में कमाते हैं, सीईओ 15 दिन से कम समय में कमा लेता है.
नॉर्वे की औसत राष्ट्रीय आमदनी 51,212 डॉलर है, सीईओ इसकी तुलना में 20 गुना ज़्यादा कमाते है.
जहां तक अफ्रीकी देशों का हाल है, वहां भी सैलरी के मामले में सीईओ की बल्ले बल्ले है. नाइजीरिया में सबसे ज़्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ है आस्टिन अवूरू, जो सीप्लांट पेट्रोलियम डेवलपमेंट कंपनी के सीईओ हैं, उनकी सैलरी 1.3 मिलियन डॉलर सालाना है.
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