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Showing posts from November, 2018

कांग्रेसी पिता की सीट पर बीजेपी की इकलौती मुस्लिम उम्मीदवार

मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने सभी 230 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं मगर इनमें भोपाल की एक सीट पर सबकी नज़र रहेगी. क्योंकि ये अकेली सीट है जहाँ से पार्टी ने किसी मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. फ़ातिमा रसूल सिद्दिक़ी नॉर्थ-भोपाल सीट से बीजेपी की उम्मीदवार हैं. और यहाँ का चुनाव ना केवल बीजेपी के लिए बल्कि वहाँ से उसके उम्मीदवार के लिए भी नाक की लड़ाई जैसा बन चुका है. पार्टी के लिए इसलिए क्योंकि पिछले 15 सालों से सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी यहाँ कभी नहीं जीत सकी. शेर-ए-भोपाल कहलानेवाले रसूल अहमद सिद्दिक़ी यहाँ से दो बार कांग्रेस के विधायक रहे थे और मंत्री भी बने. पर 1993 में आरिफ़ अकील की वजह से उनकी हार हुई. साल 1993 में फ़ातिमा के पिता कांग्रेस के उम्मीदवार थे. बीजेपी की ओर से रमेश शर्मा और जनता दल की ओर से अक़ील चुनाव मैदान में थे. इस चुनाव में अक़ील की वजह से कांग्रेस के वोट कट गए थे, जिसका फ़ायदा बीजेपी को मिला और रमेश शर्मा जीत गए. उस चुनाव के 25 साल बाद बीजेपी ने आरिफ़ अकील को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने रसूल अहमद सिद्दिक़ी की बेटी फ़ातिमा

अमरीका के मध्यावधि चुनाव में भारतीय मूल के लोगों का दबदबा

अमरीका में 6 नंवबर को अमरीकी कांग्रेस या प्रतिनिधि सभा और सीनेट की कुछ सीटों के लिए मतदान हो रहे हैं. इस चुनावी दंगल में अमरीका की प्रतिनिधि सभा के लिए सबसे अधिक भारतीय मूल के कूल 12 उम्मीदवार अपनी क़िस्मत आज़मा रहे हैं. इनमें सबसे अहम एरिज़ोना प्रांत में हीरल तिपिर्नेनी डिस्ट्रिक्ट आठ से डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हैं जो रिपब्लिकन पार्टी की मौजूदा सांसद डेबी सेल्को को कड़ी टक्कर दे रही हैं. एरिज़ोना प्रांत को रिपब्लिकन पार्टी का गढ़ माना जाता है तो ऐसे में एक भारतीय मूल के उम्मीदवार की हैसियत से हीरल तिपिर्नेनी अपना अनुभव बताते हुए कहती हैं कि एरिज़ोना में अब तक किसी ने रिपब्लिकन पार्टी को ऐसी चुनौती नहीं दी. हीरल तिपिर्नेनी कहती हैं, "अभी भी एरिज़ोना में यह बहुत कम ही नज़र आता है कि भारतीय मूल के लोग चुनाव में खड़े हों.... लेकिन हम इस बार पिछले कई वर्षों में पहली बार रिपब्लिकन पार्टी को ऐसी चुनौती दे रहे हैं जो अब तक नहीं दी गई...हम कांटे की टक्कर दे रहे हैं." पेशे से डॉक्टर हीरल तिपिर्नेनी बताती हैं कि उनके मुख्य चुनावी मुद्दे हैं स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षे